तन्हाई के पलों में, मैं अपने आप से बातें करता हूँ, माना कि तेरी नजर में शायद कुछ भी नहीं हूं मैं, तन्हाई के लम्हों में, दिल अकेलापन से भरा होता है, मेरी पलकों का अब नींद से कोई ताल्लुक नही रहा, आख़िर चांद भी अकेला रहता हैं सितारों के https://youtu.be/Lug0ffByUck