शिवजी की पूजा मूर्ति तथा शिवलिंग दोनों रूपों में की जाती है शिव के गले में नाग देवता विराजमान करते हैं तथा उनके हाथों में डमरू और त्रिशूल होता है. दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥ अर्थ- त्रयोदशी (चंद्रमास का तेरहवां दिन त्रयोदशी कहलाता है, हर https://brooksbnuap.designertoblog.com/61221084/the-definitive-guide-to-lyrics-shiv-chalisa