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The Ultimate Guide To shiv chalisa lyrics with meaning

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अंग गौर शिर गंग बहाये । मुण्डमाल तन छार लगाये ॥ चारों जुग परताप तुम्हारा। है परसिद्ध जगत उजियारा।। त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥ ॐ जय शिव…॥ तुह्मरे भजन राम को पावै। जनम जनम के दुख बिसरावै।। लाय सजीवन लखन जियाये। श्री रघुबीर हरषि उर लाये।। जय गिरिजा पति https://shivchalisas.com

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